The 5-Second Trick For hindi story

Biju despite acquiring not attended school or universities, committed his everyday living to Studying about he can in regards to the trade that his …

(एक) खजूर के वृक्षों की छोटी-सी छाया उस कड़ाके की धूप में मानो सिकुड़ कर अपने-आपमें, या पेड़ के पैरों तले, छिपी जा रही है। अपनी उत्तप्त साँस से छटपटाते हुए वातावरण से दो-चार केना के फूलों की आभा एक तरलता, एक चिकनेपन का भ्रम उत्पन्न कर रही है, यद्यपि अज्ञेय

डर के मारे कोई पशु उसके पास नहीं जाते थे ।

असम विधानसभा में जुमे की नमाज़ का ब्रेक ख़त्म करने पर हंगामा, हिमंत बिस्वा सरमा पर जेडीयू हमलावर

संत ने बिच्छू को फिर अपने हाथ से निकाला। बिच्छू ने संत को फिर डंक मारा।

इमेज कैप्शन, अमरकांत ने 'ज़िंदगी और जोंक', 'डिप्टी-कलक्टरी' और 'बू' जैसी यादगार कहानियाँ लिखी हैं.

मोरल – एक साथ मिलकर रहने से बड़ी से बड़ी चुनौती दूर हो जाती है।

उसी हिंदी के सामने 'उसने कहा था' की वो हिंदी जो आज भी इसलिए ताज़ा और समकालीन लगती है क्योंकि वो एक ओर तो जीवित-व्यावहारिक भाषा को रचना का आधार बनाती है और दूसरी ओर वो इस भाषा की व्यंजनाओं को विरल विलक्षण आँख से पकड़ती है.

सिंह राज ने देखते ही देखते सभी सियारों को खदेड़ दिया। जिसके कारण उसके मित्र सुरसिंह की जान बच सकी

एक दिन सब से बड़ा भाई ने सावत्री को जानबूझकर एक छोटी सी रस्सी और छेद वाले घड़े में पानी लेने कुँए पर भेजा और समय पर न आने पर दंड देने की धमकी भी दी। कुँए पर पहुंच कर सावित्री रोने लगी। वहां एक सांप और मेंढक रहते थे जो सावित्री का रोआ सुन कर बहार आ read more गए.

अगले दिन दूसरे भाई ने सावित्री को अपने सफ़ेद मैले कपडे धोने के लिए भेजा और जानबूझकर उसे साबुन नहीं दिया। तालाब पर पहुंच कर सावित्री रोने लगी। तभी वहां से एक सारस निकला और रोती हुई सावित्री को देख कर उसकी मदद के लिए रुक गया। सरस कपड़ों पर लोटने लगा जिस से कपडे दूध जैसे सफ़ेद हो गए। सावित्री ख़ुशी ख़ुशी कपडे ले कर घर चली गई।



कहानी के जोबन का उभार और बोल-चाल की दुलहिन का सिंगार किसी देश में किसी राजा के घर एक बेटा था। उसे उसके माँ-बाप और सब घर के लोग कुँवर उदैभान करके पुकारते थे। सचमुच उसके जीवन की जोत में सूरज की एक सोत आ मिली थी। उसका अच्छापन और भला लगना कुछ ऐसा न था जो इंशा अल्ला ख़ाँ

यह लोक कथा उस समय की है जब जानवर बोलते और नाचते थे। एक बार एक सुस्त पंखों वाला मोर रहता था

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